Shani Chalisa in Hindi pdf in 2021 complete guide

Here is your complete guide for Shani Chalisa in Hindi pdf. Hope you will love it.

Shani Chalisa in Hindi pdf

शनि चालीसा
॥ दोहा ॥

जय गणेश गिरिजा सुवन, मंगल करण कृपाल ।

दीनन के दुःख दूर करि, कीजै नाथ निहाल ॥

जय जय श्री शनिदेव प्रभु, सुनहु विनय महाराज ।

करहु कृपा हे रवि तनय, राखहु जन की लाज ॥

॥ चौपाई ॥

जयति जयति शनिदेव दयाला । करत सदा भक्तन प्रतिपाला ॥

चारि भुजा, तनु श्याम विराजै । माथे रतन मुकुट छवि छाजै ॥

परम विशाल मनोहर भाला । टेढ़ी दृष्टि भृकुटि विकराला ॥

कुण्डल श्रवण चमाचम चमके । हिये माल मुक्तन मणि दमके ॥

कर में गदा त्रिशूल कुठारा । पल बिच करैं अरिहिं संहारा ॥

पिंगल, कृष्णों, छाया, नन्दन । यम, कोणस्थ, रौद्र, दुःख भंजन ॥

सौरी, मन्द, शनि, दशनामा । भानु पुत्र पूजहिं सब कामा ॥

जा पर प्रभु प्रसन्न है जाहीं । रंकहुं राव करैं क्षण माहीं ॥

पर्वतहू तृण होई निहारत । तृणहू को पर्वत करि डारत ॥

राज मिलत वन रामहिं दीन्हो । कैकेइहुं की मति हरि लीन्हो ॥

बनहूं में मृग कपट दिखाई । मातु जानकी गई चतुराई ॥

लखनहिं शक्ति विकल करिडारा । मचिगा दल में हाहाकारा ॥

रावण की गति मति बौराई । रामचन्द्र सों बैर बढ़ाई ॥

दियो कीट करि कंचन लंका । बजि बजरंग बीर की डंका ॥

नृप विक्रम पर तुहि पगु धारा । चित्र मयूर निगलि गै हारा ॥

हार नौलाखा लाग्यो चोरी । हाथ पैर डरवायो तोरी ॥

भारी दशा निकृष्ट दिखायो । तेलिहिं घर कोल्हू चलवायो ॥

विनय राग दीपक महँ कीन्हों । तब प्रसन्न प्रभु हवै सुख दीन्हों ॥

हरिश्चन्द्र नृप नारि बिकानी । आपहुं भरे डोम घर पानी ॥

तैसे नल पर दशा सिरानी । भूंजी-मीन कूद गई पानी ॥

श्री शंकरहि गहयो जब जाई । पार्वती को सती कराई ॥

तनिक विलोकत ही करि रीसा । नभ उड़ि गयो गौरिसुत सीसा ॥

पाण्डव पर भै दशा तुम्हारी । बची द्रोपदी होति उधारी ॥

कौरव के भी गति मति मारयो । युद्ध महाभारत करि डारयो ॥

रवि कहं मुख महं धरि तत्काला । लेकर कूदि परयो पाताला ॥

शेष देव-लखि विनती लाई । रवि को मुख ते दियो छुड़ई ॥

वाहन प्रभु के सात सुजाना । जग दिग्ज गर्दभ मृग स्वाना ॥

जम्बुक सिंह आदि नख धारी । सो फल ज्योतिष कहत पुकारी ॥

गज वाहन लक्ष्मी गृह आवैं । हय ते सुख सम्पत्ति उपजावै ॥

गर्दभ हानि करै बहु काजा । गर्दभ सिंद्धकर राज समाजा ॥

जम्बुक बुद्धि नष्ट कर डारै । मृग दे कष्ट प्राण संहारै ॥

जब आवहिं प्रभु स्वान सवारी । चोरी आदि होय डर भारी ॥

तैसहि चारि चरण यह नामा । स्वर्ण लौह चाँजी अरु तामा ॥

लौह चरण पर जब प्रभु आवैं । धन जन सम्पत्ति नष्ट करावै ॥

समता ताम्र रजत शुभकारी । स्वर्ण सर्वसुख मंगल कारी ॥

जो यह शनि चरित्र नित गावै । कबहुं न दशा निकृष्ट सतावै ॥

अदभुत नाथ दिखावैं लीला । करैं शत्रु के नशि बलि ढीला ॥

जो पण्डित सुयोग्य बुलवाई । विधिवत शनि ग्रह शांति कराई ॥

पीपल जल शनि दिवस चढ़ावत । दीप दान दै बहु सुख पावत ॥

कहत राम सुन्दर प्रभु दासा । शनि सुमिरत सुख होत प्रकाशा ॥

॥ दोहा ॥

पाठ शनिश्चर देव को, की हों विमल तैयार ।

करत पाठ चालीस दिन, हो भवसागर पार ॥

Shani Chalisa in Hindi pdf

Complete your name and email id in the comment section to get the Shani Chalisa in Hindi pdf right into your email box.

Shani chalisa pdf

Read: Hanuman Chalisa from here

Moreover, you like this post Shani Chalisa in Hindi pdf please feel free to share itwith your friends and family.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *